चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति: अंतहीन सामंतवाद-देवेंद्र कुमार बुडाकोटी
ब्रिटिश काल में, राजस्व वसूली के लिए सामंती व्यवस्था को बढ़ावा दिया गया था। ज़मींदार या चौधरी जैसे बड़े भू-स्वामी व्यक्तियों और गाँवों से कर वसूलते थे। इन ज़मींदारों और
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