उत्तराखंड के मित्रों के नाम चिट्ठी
शुभ स्थान – अल्माड़
असोज द्वि पैट, वृहस्पतिवार
18 सितंबर,2025
सिद्धीश्री सर्वोपमा योग्यवर-6
आमा-बुबू, ठुल ईजा-ठुल बौज्यू, कका-काकी,ममा-मामी और सबै ठुला कैं म्येरि पैला और ननां कैं प्यार आशीष।
उत्तराखंड में अलबेर जाग जगां आपदा ऐ जाणै। सरकार आपुण तरफ बटी खूब लागि रै। नेता लोग आपदा नाम पर खूब राजनीति करण रयीं। एक दूसरै कैं दोष दिण रयीं। डबल इंजनै सरकार में लोग खुशि है रयीं। अल्माड़ नगर निगम में तो समझो ट्रिपल इंजन लागि गो। सड़क में इतू कूड़ा गंदगी हैगे। शायद चौथ इंजन लै कम पड़ि जाल। ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ कै क्वीड़ चलि रछी। सच में अच्छे दिन ऐ गयीं। अखबार में खबर छपि रै कि एक स्कूल में चपरासि कैं प्रिंसपुलौ चार्ज मिलि गो। सरकार छ्वट कर्मचारी कैं इतू सम्मान दिण रै। य है जादे भाल दिन क्ये है सकनी। सुणाई में ऐरै कि इंटर कालेज में केवल इक्कै पक्क मासैप छन। बांकि संविदा वाल। इंटर कालेज में एक लै क्लर्क नहां। डबल इंजनै सरकार में बगैर क्लर्कैं कै स्कूल चलि रौ। बगैर प्रिंसपुलै कै सब चलि रौ। य डबल इंजनै कै चमत्कार है सकूं। आब जब प्रिंसपुल सैप छुट्टी जला तो संविदा वाल मास्टर सैप कैं तो चार्ज नि दि सकन। उनूल प्रिसुपलौ चार्ज यानी स्कूल चाबी और मुहर स्कूलौ चौकदार कै देछ बल। डबल इंजनै सरकार में चौकदार लै चौकदारी दगाड़ सब करि सकूं। य क्वीड़ आज भोउ जाग-जगां चलि रयीं। लोग सरकारै धन धन करण रयीं।
सोल सरादों में पहाड़ पन लोगूंल खूब खवै पीवै करी। सरादा दिन माल बाखई हिरदा स्यैणिल हिरदा खूब खतड़ू करि दे बल। सरादा दिन पंडि ज्यू उण है पैलि हिरदा स्यैणि खौंसी पड़ी। कुण लागी मरण बखत बुड़ और बुड़ी द्वियै झड़ाल वी दगाड़ भल नि कर। ज्यौन जी म्यार दगाड़ कजी मार करौ। उनौर सराद मी नि कर सकन। 4 भै छन। जै जाद यानी जमीना 4 हिस्स है रयीं। सरादौ खर्च लै 4 भाई में बंटण चैं। जनूं कैं बुड़-बाड़ि भल मानछी। उ करीं सराद। मैं तो सराद में कतई शामिल नहां। हिरदा स्यैलिण फनफनाट पाड़ि दे। बाद में पंडि ज्यू लै ऐ गाय। आदु दिन तक हिरदा स्यैणि धो थाउण है गेई। बाद में गौं बाखई पना सयांण लोग लै ऐ गाय। हिरदा तीनै भै परदेस छन। उनार स्यैणि बुलाई गाई। आब सुणाई में ऐरै कि 4 भै हर साल बारि बारिल सराद कराल। आब हिरदा नंबर 3 साल बाद उणी छू बल। आब हिरदा स्यैणी मन कसि हैगे बल। माल बाखई शिबदा ब्वारि सरादों में रोज लगड़,खीर और रैत बणै बे काउ और गोरू कैं दिण रै बल। पहाड़ पन काउ नि देखिण राय। सरादा सारै पकवान बानर खै जाणी। हमार गौंक सभापति ज्यू कूणी कि सरकार कैं काउ और गोरू पालणा लिजी स्कीम चलाण चैं। सभापति ज्यू कूणी कि सरादा दिन गो ग्रास दिणै लिजी गोरू नहां।
ताल बाखई धरमी का दिल्ली बटी घर ऐ रयीं। बताण रयीं कि दिल्ली में उत्तराखंडा साहित्यकारों कैं बुलाई गो। गढ़वाल बटी 21 और कुमाऊं बटी 7 साहित्यकार बुलै रछी। हमार गौंक सभापति ज्यू कूणी कि उत्तराखंड सरकार में स्कूली नना लिजी किताब बनाई । तो उ किताब में लै कुमाऊं बार में जादे नहां बल। सभापति ज्यू कूणी कि जब उत्तराखंडै बात हुंछ तो हर जिल्ल और इलाकौ बार में सोचि जाण चैं। सभापति ज्यू कूणी कि कुमाऊं और गढ़वाला नाम पर आपुण नेतागिरी चमकाणी नेता लै बहुत छन। य सबूं कैं पत्त छू कि असोज एक पैट हूं खतड़ू मनाई जां। खतड़ू एक किस्मैल जानवर और ककाड़ दगाड़ जुड़ी त्यार छू। वी बाद लोग जबरदस्ती खतड़ू कैं गढ़वाल और कुमाऊं झगौड़ दगाड़ जोड़नी। य भलि बात नहां। अलबेर तो खतड़ुवा दिन ब्याल बखत द्यो हुणौ वजैल क्वे-क्वे जगां ककाड़ धरियै रै पड़ी।
17 सितंबर हूं खतडुवा दिन बटी असोजौ महैण लागि गो। छनजर यानी 21 सितंबर हूं अमूसी सराद छू। 22 तारीख बटी असोजा नौर्त छन। पहाड़ पन असोजा नौर्तन में रामलील हुणी छन। रामलील क्ये देखनी। रामलीलै तालीमा वीडियो लोग आपुण दगड़ुवा लिजी भेजण रयीं। मोहनी पधानै ब्वारि अलबेर ताड़िका पाट खेलण रै बल। तालीम में वी वीडियो बणि रै बल। वी वीडियो आजभोउ खूब वायरल हैरौ बल। ताड़िका पाट देखणा लिजी दूर-दूर बटी लोग उणी छन। य सुणाई में ऐरै। क्वे-क्वे गौं में आजि रामलीला स्टेज बनाणा लिजी खेत खालि नि है राय। वेति कुछ दिन बाद रामलील हुणी छन। असोजा नौर्तन में लोग कन्या पूजनै तैयारी लै करण रयीं।
आज इतूकै लेखण रयूं। चिट्ठी ठुलि हैगे कै नराज झन हया। रोज सोचनू कि कम लेखूल। पर मनसुप जसै लागि जानी। चिट्ठी मिलि गे कै एक आंखर लेखि दीया। आज भोउ सबूं मुबाइल पर अनलिमिटेड प्लान हूंछ। एक आंखर लेखि दिला। तुमर मुबाइल घोइण जै क्ये रौ। चिट्ठी पढ़ि बे भल लागलौ तो इष्ट मितुरौं कै लै शेयर करि दीया। चौमास में जाग-जगां बटी भलि खबर नि उण रयि। आपुण पराणि ध्यान धरिया। सबूं हैं एक आंखर भलिकै बुलाया। पराणि क्ये भरौस। आदिमौ एक बोल कैं लोग याद करनी। आपुण खापड़ि बटी कैहूं लै नक झन बुलाया। आपण ज्यानै हिफाजत करीया। तबै पालना होलि। बांकि फिर लेखूल
तुमर मितुर,
उदय किरौला
संपादक बालप्रहरी
सचिव बालसाहित्य संस्थान
दरबारीनगर अल्मोड़ा उत्तराखंड