बदलता मौसम और वायरल बुख़ार – कैसे रहें सुरक्षित
बरसात का मौसम जहाँ गर्मी से राहत देता है, वहीं यह मौसम अक्सर बीमारियों को भी साथ लाता है। इस समय वायरल फीवर, सर्दी-ज़ुकाम, खाँसी और पेट के संक्रमण तेजी से फैलते हैं। थोड़ी-सी लापरवाही हमें बिस्तर पर पहुँचा सकती है।
क्यों बढ़ता है वायरल फीवर?
• तापमान में उतार-चढ़ाव से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर हो जाती है।
• जमा पानी मच्छरों के पनपने की जगह बनता है।
• नमी और गंदगी से बैक्टीरिया व वायरस सक्रिय हो जाते हैं।
• दूषित भोजन और पानी पेट की बीमारियाँ बढ़ाते हैं।
मुख्य लक्षण
• अचानक बुख़ार व कंपकंपी
• सिरदर्द और बदन दर्द
• गले में खराश, खाँसी, नाक बहना
• थकान, कमजोरी, कभी-कभी उल्टी या दस्त
कब डॉक्टर से मिलें?
यदि बुख़ार 3–4 दिन से अधिक रहे या बहुत तेज़ (102.5°F से ऊपर) हो जाए।
अगर शरीर पर दाने, मसूड़ों से खून, असामान्य थकान या साँस लेने में तकलीफ़ हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें – यह डेंगू या गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है।
बचाव ही सबसे बड़ा इलाज
✅ उबला या फ़िल्टर किया पानी पिएँ।
✅ ताज़ा खाना खाएँ, बासी व बाहर के कटे फल/सलाद से बचें।
✅ घर-आँगन में पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी और रिपेलेंट का उपयोग करें।
✅ अदरक, तुलसी, हल्दी, शहद और मौसमी फलों को आहार में शामिल करें।
✅ पर्याप्त नींद लें और भीगने से बचें।
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डॉक्टर की सलाह:
मौसम बदलना हमारी ज़िंदगी का हिस्सा है, लेकिन बीमार पड़ना हमारी लापरवाही का नतीजा। थोड़ी सतर्कता और समय पर इलाज से आप इस बरसात का आनंद बिना किसी डर के उठा सकते हैं।
— डॉ. नेहा