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नाशपाती की बर्बादी पर चिंता, राज्य एवं केंद्र सरकार को भेजा गया ज्ञापन,स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर जनता में उबाल

अल्मोड़ा, उत्तराखंड —लंमगड़ा (डोल आश्रम के समीप), जिला अल्मोड़ा के किसानों को इस वर्ष नाशपाती की पहाड़ी प्रजाति का भरपूर उत्पादन प्राप्त हुआ है, लेकिन उपयुक्त यातायात साधनों और स्थानीय मंडी/प्रोसेसिंग इकाई के अभाव में यह फसल भारी मात्रा में बर्बाद हो रही है। इस गंभीर समस्या को लेकर राष्ट्र नीति संगठन के अध्यक्ष एवं नैनीताल उच्च न्यायालय के अधिवक्ता विनोद चंद्र तिवारी द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी तथा भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया है।

ज्ञापन में मांग की गई है किलंमगड़ा क्षेत्र में स्थानीय फल मंडी की स्थापना की जाए।नाशपाती व अन्य फलों के प्रसंस्करण हेतु फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जाए।किसानों के लिए सब्सिडी आधारित ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध करवाई जाए ताकि वे हल्द्वानी व अन्य प्रमुख बाजारों तक अपने उत्पाद ले जा सकें।

विनोद चंद्र तिवारी ने कहा कि मात्र ₹100-150 में बिकने वाली नाशपाती का 50 किलो का कट्टा जब हल्द्वानी पहुंचता है, तो उस पर किराया ही लागत से अधिक हो जाता है। इस कारण किसान नुकसान में हैं और उनका मेहनत का फल सड़ रहा है।

उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने शीघ्र हस्तक्षेप नहीं किया तो आने वाले वर्षों में किसान इस फल की खेती से किनारा कर सकते हैं, जिससे स्थानीय आर्थिकी को गहरा आघात पहुंचेगा।\राष्ट्र नीति संगठन ने सरकार से शीघ्र कार्रवाई की अपील की है और कहा है कि संगठन इस विषय पर आम जन को भी जागरूक करेगा एवं क्षेत्रीय संवाद जारी रखेगा।इस अवसर पर राष्ट्रपति संगठन के कई पदाधिकारी मौजूद थे दीपक ,भूपेश,नीमा,कमलेश, मनोज,नन्दन आदि मौजूद रहे।