उत्तर द्वारिका के नाम से प्रसिद्ध द्वाराहाट के प्राचीन मन्दिर……
उत्तर द्वारिका के नाम से प्रसिद्ध, उत्तराखंड के चार धाम यात्रा का द्वार ( द्वाराहाट ) जाने का सौभाग्य अनेकों बार प्राप्त हुआ लेकिन द्वाराहाट के पुरातात्विक महत्व के 55 मन्दिरों को देखने का अवसर नहीं मिल पाया। यह सौभाग्य कल दिनांक 23-11-2022 को प्राप्त हुआ।इन मन्दिरों को देखे बिना द्वाराहाट को देखना अधूरा ही होगा। कुछ समय के लिए कत्यूरी राजाओं की राजधानी बनने का सौभाग्य द्वाराहाट को प्राप्त हुआ था। ये मन्दिर उसी समय की द्वाराहाट को देन हैं।


दसवीं से बारहवीं शताब्दी के आसपास बने हुए ये मन्दिर आज भी अपनी छटा बिखेरते हैं और आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मन्दिरों की बनावट को देखते हुए उन्हें तीन या चार प्रकार की श्रेणी में बांटा जा सकता है। जिस कत्यूरी राजा के शासन काल में जिस मन्दिर का निर्माण किया गया उसको उस प्रकार की श्रेणी में रखा जाता है। इनमें सबसे भव्य और कलात्मक ढंग से सजाया और संवारा गया मन्दिर गुर्जर मन्दिर है जो गुर्जर देव के शासन काल में बना।


इन मन्दिरों में से केवल मृत्युंजय मन्दिर और बद्रीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना होती है और मन्दिर विग्रह या शिव लिंग रहित हैं। उनमें पूजा अर्चना नहीं होती। बद्रीनाथ मंदिर में विग्रह मन्दिर निर्माण काल का नहीं है।
द्वाराहाट में एक संग्रहालय बनाने की आवश्यकता है जहां खण्डित मूर्तियों और मन्दिरों के नक्काशीदार भग्नावशेषों को उनके विवरण सहित लोगों के दर्शनार्थ रखा जा सके।
आशा है द्वाराहाट की जागरूक जनता इस ओर ध्यान देगी। शेष फिर कभी, सादर।
प्रकाश चन्द्र पंत
वरिष्ठ पत्रकार