जिलाधिकारी ने तहसीलदारों को दिए कड़े निर्देशआपदा के दौरान क्षति होने पर तत्काल दें मुआवजा
Almora-कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे की अध्यक्षता में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि प्रशासन की पहली जिम्मेदारी जनता के प्रति जवाबदेही है। इसलिए प्रत्येक तहसील स्तर पर कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, संवेदनशीलता और तत्परता सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि आपदा की किसी भी स्थिति में रिस्पांस टाइम न्यूनतम होना चाहिए। प्रभावित परिवारों की मदद में देर कतई न हो तथा मुआवजा राशि तत्काल और बिना किसी बाधा के पीड़ितों तक पहुँचे। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि आपदा राहत में लापरवाही या ढिलाई पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में राजस्व संबंधी कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि खतौनी निर्माण का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि जनता को प्रमाणपत्रों और भूमि संबंधी कार्यों में किसी प्रकार की परेशानी न हो। साथ ही भूमि हस्तांतरण से जुड़े विवादों और शिकायतों की त्वरित जांच कर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति दोहराते हुए कहा कि यदि किसी भी तहसील में भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आती है तो उस पर तुरंत कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने तहसीलदारों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में नियमित रूप से स्टाफ बैठकें आयोजित करें और जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से करें।
उन्होंने कहा कि तहसीलदार स्वयं किसी भी घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुँचें और स्थिति का जायजा लें। यह न केवल प्रशासन की सक्रियता को दर्शाता है बल्कि जनता का भरोसा भी मज़बूत करता है।
बैठक में राजस्व पुलिस की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि आपराधिक मामलों की विवेचना में तकनीकी खामियाँ न रहें। उन्होंने कहा कि यदि केस तकनीकी कारणों से कमजोर पड़ता है तो उसका सीधा असर न्याय और कानून व्यवस्था पर पड़ता है। इसलिए राजस्व पुलिस की कार्यप्रणाली को और अधिक मजबूत एवं व्यवस्थित बनाया जाए।
बैठक के दौरान जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल , तहसीलदार बरखा जलाल , तितिक्षा जोशी , दीपिका आर्य , आबिद अली सहित कलेकोटेट के अन्य कर्मचारी मौजूद रहे ।