उत्तराखंड के मित्रों के नाम चिट्ठी
शुभ स्थान - हल्द्वाणि, नैनताल
असोज 16 पैट, वृहस्पतिवार
3 अक्टूबर,2025
सिद्धीश्री सर्वोपमा योग्यवर-6
आमा-बुबू, ठुल ईजा-ठुल बौज्यू, कका-काकी,ममा-मामी और सबै ठुला कैं म्येरि पैला और ननां कैं प्यार आशीष।
उत्तराखंड में लालबत्ती चक्कर में सब आपुण गोटी फिट करण में लागि रयीं। विधायक लोग मंत्री मंडला लिजी जोर लगाण रयीं तो दुसार लोग लाल बत्ती चक्कर में छन। सुणाई में ऐरै कि 2027 चुनावा लिजी भतेर भतेरै तैयारी चलि रै। स्कूल, अस्पताल, रोडबेज, सड़क, शराबौ कारोबार, भ्रष्टाचार देखि बै सरकार देखि बे लोग खुशि नहां। पर चुनाव बखत लोग मोदी ज्यू नाम पर वोट दिनी। हमर गौंक सभापति ज्यू कूनी कि उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस है अलाव जनता पास क्वे विकल्प नहां। उत्तराखंड में एक है एक आंदोलनकारी नेता छन। क्वे आंदोलनकारी पिलसन बढ़ाणा लिजी लागि रयीं तो क्वे आंदोलनकारी नेताओं नना कैं नौकरी लिजी आरक्षण दिणै लिजी लागि रयीं। आम जनता चिंता क्वे नि करण रौय चाहे उ सरकार में हो या विपक्ष में। विधायकों तनखा और पिलसन बढ़ाणै बात हो तब सब इक्कै है जानी। एक विधायक ज्यू बयान अखबार में छपि रछी कम तनखा में उनार पास बीड़ी लिजी लै डबल नि रून। पर विधवा पिलसन और वृद्धावस्था पिलसन वाल कसी दिन काटनी य नेता ज्यू नि सोचन।
उत्तराखंड में दशै त्यार लोग आपुण हिसाबल मनानी। पहाड़ पन दशै दिन रतै पर धेई द्वार लिपि में लोगूंल बास उठायै छू। येति त्यारा दिन बास उठाउणौ रिवाज छू। हमार गौंक सभापति ज्यू कूणी कि त्यारा दिन पहाड़ पन रतै पर नै धोई बे द्वि लगड़ जरूर बनाई जानीं। वी बादै चुल पन तौ धरण यानी रव्ट बनाई जानी। पहाड़ पन त्यार-ब्यारा दिन लगड़ और बड़ बनाणौ रिवाज छू। दशै त्यार निबटि गो। जाग-जगां रामलील चलि रयीं। दशैं दिन रावणौ पुतौउ फूकणौ रिवाज लै छू। हमर गौंक सभापति ज्यू कूणी कि हर साल रावण फूकि जां वी बाद लै साल भर जाग जगां कतुकै रावण च्येलि बेटियां कैं परेशान करनी।
अल्माड़ बजार में दशहरौ कौतिक देखण लैक हूंछ। अलबेर येति रावण, कुंभकर्ण जसै लगभग डेढ़ दर्जन राक्षसौ पुताउ बणि रछी। यूं पुताउ कैं देखणा लिजी देश विदेश बटी पर्यटक लै ऐ रछी। येति नना बनाई पुताउ लै देखण लैक हूंनी।
असोजा नौर्तन में कन्या पूजन लोगूल करै छू। कन्या पूजना लिजी च्येली बड़ मुश्किलल मिलीं। हमार गौंक सभापति ज्यू कूणी कि कन्या पूजन दगड़ै य लै जरूरी छू कि च्यलां कैं नान छना बटी च्येली और स्यैणिया इज्जत करण सिखाण जरूरी छू। सभापति ज्यू कूणी कि घर वाल घर भतेर कन्या पूजन करण रयीं। दुसार तरफ उनार च्याल च्येलियां दगाड़ गलत काम करण रयीं।
पहाड़ पन खेति-पाती काम शुरू हैगो। गाज्यो काटण, मडु झुंगौर लवौण और कहाण(गहत, भट्ट और दुसार दाउ) सुखाण और चुटण चाल हैगो। द्यो रनकौर किरसाण है जाणौ। क्वे-क्वे जगां गाज्यो भीजि बे कच्यार हैगो। पहाड़ा गौंनू पन झुंगरी किड़ सारै घर भतेर फैलि गयीं। जादेत्तर गौं घरौं पन सन्योसु उजड़ि गयीं। पर उपन कम नि है राय। जो घरौं में चौमास में सीलन छू। वेति उपन जादे छन। हमार गौंक सभापति ज्यू कूणी कि कुकूर बिराउ पर लै उपन जादे हुनी। पहाड़ पन क्वे क्वे लोग जनेरि पास जाग कम हूंछ उ बकरा नान पठां कैं घर भतेर डाल में छोपि बे लै धरनी। य वजैल भतेर पन उपन जादे है जानी। इस्कूली नना इस्कूल में आज भोउ खेलकूद चलि रयीं। घरौं पन हरी मर्चौ लूण दगाड़ हरी ककाड़ चलि रयीं। असोज में लोगों कैं पाणि पीणै फुर्सत नहां। कंट्रोला दुकान में पैकेट वाल सस्त लूण मिलणै रौ।
आज इतूकै लेखण रयूं। चिट्ठी ठुलि हैगे कै नराज झन हया। रोज सोचनू कि कम लेखूल। पर मनसुप जसै लागि जानी। चिट्ठी मिलि गे कै एक आंखर लेखि दीया। आज भोउ सबूं मुबाइल पर अनलिमिटेड प्लान हूंछ। एक आंखर लेखि दिला। तुमर मुबाइल घोइण जै क्ये रौ। चिट्ठी पढ़ि बे भल लागलौ तो इष्ट मितुरौं कै लै शेयर करि दीया। आपण ज्यानै हिफाजत करीया तबै पालना होलि। बांकि फिर लेखूल
तुमर मितुर,
उदय किरौला
संपादक बालप्रहरी
सचिव बालसाहित्य संस्थान
दरबारीनगर अल्मोड़ा उत्तराखंड