Shakti Samachar Online

आरएसएस ने विजयादशमी पर दिया पंच परिवर्तन का संदेश


अल्मोड़ा जिले में व्यापक रूप से हो रहा है आयोजन
अल्मोड़ा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अल्मोड़ा ने जिले में विजयादशमी उत्सव को लेकर नई पहल शुरू की है। इसके तहत आयोजित हो रहे कार्यक्रमों में पंच परिवर्तन का संदेश घर घर पहुंचाने का संकल्प लिया जा रहा है। उत्सव के तहत जिले की प्रत्येक बस्ती स्तर पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। संघ ने 28 सितंबर से 5 अक्टूबर तक का समयावधि निर्धारित करते हुए सभी स्वयंसेवकों से अपने-अपने नगरों, गांवों और बस्तियों में इस पावन उत्सव को उत्साह के साथ मनाने का आग्रह किया है।
जिले में खंड बाड़ेछीना में अब तक 5 ताकुला में 2 एवं अल्मोड़ा नगर क्षेत्र में 2 मंडल व बस्ती में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुका है। उत्सव की मुख्य कड़ी में एकत्रीकरण, पथ संचलन, शस्त्र पूजन और विशेष बौद्धिक कार्यक्रम शामिल हैं।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अल्मोड़ा के जिला प्रचार प्रमुख राजेंद्र जोशी ने यह जानकारी दी है।
पंच परिवर्तन में 5 प्रमुख आयाम
जिला प्रचार प्रमुख जोशी ने बताया है कि पंच परिवर्तन में 5 प्रमुख आयाम सम्मिलित हैं। इनमें स्व का बोध (स्वदेशी भावना)- अपनी सोच, भाषा भोजन और व्यवहार में स्वदेशी भाव को आत्मसात करना। दूसरा नागरिक कर्तव्य – समाज को कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना एवं कानूनों का पालन। तीसरा पर्यावरण संरक्षण – जल संरक्षण, पौधरोपण तथा प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवनशैली।
चौथा सामाजिक समरसता – छुआछूत और भेदभाव समाप्त कर सभी वर्गों में एकता स्थापित करना तथा पांचवा कुटुंब प्रबोधन – संयुक्त परिवार की संकल्पना को सशक्त बनाना एवं पारिवारिक मूल्यों का संरक्षण।
विजयादशमी की महत्ता- विजयादशमी शक्ति की उपासना का दिन है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय, धर्म की स्थापना और शक्ति का संदेश देता है। तीन प्रकार की शक्तियां होती हैं। इनमें संगठित शक्ति, धन की शक्ति व ज्ञान की शक्ति (जिसे सर्वोपरि माना गया है)। वहीं विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन का विशेष महत्व है। यह परंपरा इस विश्वास पर आधारित है कि शस्त्र प्राणों की रक्षा करते हैं और इनमें विजया देवी का वास होता है। उल्लेखनीय है कि डॉ. हेडगेवार ने वर्ष 1925 में इसी पावन दिन संघ की स्थापना समाज को शक्तिशाली बनाने के उद्देश्य से की थी।
शताब्दी वर्ष का विशेष महत्व- विजयादशमी संघ के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि संगठन अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। विजयादशमी 2025 से विजयादशमी 2026 तक चलने वाले इस शताब्दी वर्ष में संघ का मुख्य लक्ष्य हिन्दुओं को संगठित करना एवं भारतीय संस्कृति के प्रति जनजागरण रहेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह व्यापक विजयादशमी अभियान केवल उत्सव न होकर समाज में संगठन, संस्कार और सेवा की भावना को प्रबल बनाने तथा पंच परिवर्तन के माध्यम से राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

error: Content is protected !!