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बगवालीपोखर को एक शिव मंदिर के रूप में सुन्दर उपासना स्थल मिला।

Almora-बगवालीपोखर के लिए दिनांक 24 सितम्बर, 2025 एक यादगार दिन के रूप में याद किया जाएगा। इस दिन बगवालीपोखर को एक शिव मंदिर के रूप में सुन्दर उपासना स्थल मिला। पूर्वजों द्वारा इसी स्थल पर शताब्दियों पूर्व शिव मन्दिर का निर्माण किया गया। मन्दिर की देखभाल और नित्य दिया-बाती के लिए लगभग पन्द्रह नाली उपजाऊ भूमि मन्दिर को गूंठ में दान कर व्यवस्था बनाये रखने के कुछ पण्डित परिवारों को सौंप दी थी। लेखक के पूर्वजों की अचल सम्पत्ती तो बगवालीपोखर में थी लेकिन रहते नहीं थे।

इस शिव मन्दिर में शिव लिंग के साथ ही अन्य विग्रह भी रखे थे।पुरातत्व विभाग के पत्रानुसार ये विग्रह ग्यारहवीं-बारहवीं शताब्दी के लेकिन वर्तमान में खण्डित हैं। मन्दिर और मन्दिर के साथ बनाया गया धर्मशाला समय के प्रभाव से जीर्ण हो जाने के कारण जीर्णोद्धार की आवश्यकता थी। मन्दिर में प्रतिदिन दिया-बाती करने वाले व्यक्ति की हार्दिक इच्छा थी कि मन्दिर का जीर्णोद्धार किया जाय। लगभग पन्द्रह वर्ष पूर्व सोचे गए विचार को जन समर्थन और जन सहयोग से पूरा कर दिनांक 24-9-2025 को शिव लिंग को मन्दिर के गर्भ गृह में पुनर्प्रतिष्ठित किया गया। खास बगवालीपोखर की बसासत अब बढ़ गई है,बगवालीपोखर उप तहसील बन गई है ,इन्टर कालेज, शिशु मन्दिर सहित अन्य प्रतिष्ठान बन गए हैं। उपासना स्थल वही पुराना था। स्थानीय लोगों को अब वह उपासना स्थल मिल गया है जिसके जीर्णोद्धार में उन लोगों ने सहयोग किया है। इस कारण लगाव और अपनत्व होना स्वाभाविक है। लेखक अपनी ओर से उन सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट करता है जिन्होंने इस कार्य में अपना मनसा- वाचा-कर्मणा सहयोग दिया है। शिव शंकर सबका भला करें।

प्रकाश चन्द्र पंत

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