नन्दा देवी पर विशेष-अल्मोड़ा और माॅं नन्दा-डा0 निर्मल जोशी
‘कत्यूरी राजाओं’ और ‘चन्द राजाओं’ ने अपनी अराध्य देवी के रूप में नन्दा का पूजन किया है। ‘चन्द’ राजाओं ने ‘देवी नन्दा’ को अपनी ‘कुल देवी’ के रूप में भी प्रतिष्ठित किया। कई गाथाएं और परम्पराएं नन्दा’ के पूजा एवं अनुष्ठान से जुड़ी हैं।
सत्रहवीं शती के उत्तरवर्ती काल में राजा बाज बहादुर चंद की जुनियागढ़़ विजय के फलस्वरूप नन्दा की मूर्ति मल्ला महल अल्मोड़ा (वर्तमान कचहरी) में प्रतिष्ठित की गयी थी। इतिहासविदों का मानना है कि इस विजय श्री के फलस्वरूप देवी नन्दा की पूजा राज परिवार द्वारा आरम्भ की गयी होगी। कालांतर में ब्रिटिश कमिश्नर ट्रेल ने मल्ला महल से यह प्रतिमा वर्तमान नन्दा देवी परिसर में स्थापित की थी।
वर्तमान नन्दा देवी का यह परिसर राजा उद्योत चंद द्वारा निर्मित सर्वतोभद्र शैली का शिवालय है जो ‘उद्योत चनद्रेश्वर‘ के नाम से जाना जाता है। यह देवालय कला एवं स्थापत्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह परिसर ब्रिटिश काल में और कालांतर में कई ऐतिहासिक घटना क्रमों का साक्षी भी रहा है। मुख्य मंदिर पार्वतेश्वर महादेव मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इसी मंदिर में माँ नन्दा की प्रतिमा स्थापित की गयी थी।
यह मंदिर सत्रहवी शती के छठे दशक के बाद निर्मित हुआ था। चन्द राज परिवार द्वारा माँ नन्दा की पूजा कूल परम्परा के अनुरूप की जाती रही है। राजवंश की अल्मोड़ा शाखा के राजा आनन्द सिंह शुक्ति और तंत्र’ के उपासक रहे और उनके जीवनकाल में उन्हीं के द्वारा यह पूजा परम्परागत रूप से की जाती रही थी, आज भी चन्द राजवंश द्वारा कुल परम्परा के अनुरूप यह पूजा अनुष्ठान विधिवत किया जाता है।
वस्तुतः यह पूजा अनुष्ठान भाद्र पंचमी से आरम्भ हो जाता है जब केले के वृक्षों से देवी प्रतिमाओं का निर्माण आरम्भ किया जाता है। देवी नन्दा की युगल प्रतिमायें (जिन्हें नन्दा सुनन्दा का नाम भी दिया गया है) यहाँ के कलाकारों द्वारा निर्मित की जाती हैं। ये कला का अनुपम पक्ष प्रस्तुत करती हैं। इन्हीं प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा राज पुरोहित द्वारा मंदिर में की जाती है और यहीं से प्रति वर्ष पूजा के साथ जन मानस जुड़ता है। इसकी अभिव्यक्ति मेले के रूप में होती है।
(इतिहासविद डां निर्मल जोशी ने नन्दा देवी के विविध पक्षों में कई लेख एवं पत्रिकाएं सम्पादित की है। नन्दा देवी मंदिर समिति अल्मोड़ा के वे पिछले चालीस वर्षों से सदस्य हैं –सम्पादक)