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79वीं स्वतंत्रता दिवस: संघर्ष की अनमोल धरोहर और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक नई दिशा

आज से ठीक 79 साल पहले, 15 अगस्त 1947 को भारतीय उपमहाद्वीप ने ब्रिटिश साम्राज्य से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की थी। यह दिन केवल भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक दिन नहीं था, बल्कि यह दुनिया के इतिहास में भी एक मोड़ था। शक्ति समाचार (1918) के 15 अगस्त 1947 के अंक में प्रकाशित विशेष समाचार और संपादकीय ने उस दिन को न केवल एक खुशी का दिन बताया था, बल्कि यह भी जताया था कि यह एक लंबा संघर्ष था, जिसमें लाखों वीरों ने अपनी जान की आहुति दी। आज, जब हम अपनी 79वीं स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, तो हम यह महसूस करते हैं कि हमने कितनी दूर की यात्रा की है और हम कहां तक पहुंचे हैं।

संघर्ष का इतिहास और वीरता की गाथाएं


हमारे इतिहास में 15 अगस्त 1947 का दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। उस दिन से पहले हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने रक्त, आंसुओं और संघर्षों से स्वतंत्रता के रास्ते को बनाया था। उन महान नायकों की यादें आज भी हमारे दिलों में गूंजती हैं। महात्मा गांधी, पं नेहरू, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और अनगिनत शहीदों ने हमारे लिए जो रास्ता दिखाया, उसे हम कभी नहीं भूल सकते। शक्ति समाचार (1918) ने उस समय के संघर्ष और बलिदान को अपनी रिपोर्ट में इस प्रकार समर्पित किया था कि वह न केवल भारतीयों को प्रेरित करने का कार्य करती थी, बल्कि उसे पढ़कर हर व्यक्ति में देश के प्रति एक अनूठा प्रेम और सम्मान महसूस होता था।

पं नेहरू का ऐतिहासिक भाषण और स्वतंत्र भारत की शपथ


जब पं नेहरू ने दिल्ली के लाल किले से यह ऐतिहासिक भाषण दिया कि “हमारे देश ने एक नए भारत की नींव रखी है, और अब हम अपने सपनों को पूरा करेंगे,” तो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में यह संदेश गूंजा। उनका यह भाषण हर भारतीय के दिल में एक गहरी छाप छोड़ गया, जिसने उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझने और स्वतंत्र भारत के निर्माण में भागीदार बनने का उत्साह दिया। उस समय के शक्ति समाचार (1918) में उनके भाषण का विश्लेषण किया गया और इसे भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में स्वीकार किया गया।

79 वर्षों में भारत की असाधारण यात्रा
आज जब हम 79वीं स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, तो यह गर्व का समय है कि हम उन उपलब्धियों को देख सकते हैं, जिन्हें हमने वर्षों की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद प्राप्त किया है। हम आज उस समय के भारत से कहीं अधिक विकसित और सक्षम हैं। आज़ादी के बाद से लेकर अब तक भारत ने विज्ञान, तकनीकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और अन्य सभी क्षेत्रों में अद्वितीय प्रगति की है। शक्ति समाचार (1918) ने हमेशा यह संदेश दिया कि देश की प्रगति का सीधा संबंध नागरिकों के प्रयासों से है। हमने केवल राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं पाई, बल्कि अपने देश को आत्मनिर्भर और प्रौद्योगिकियों में अग्रणी बनाने का लक्ष्य भी हासिल किया।

स्वतंत्रता के इस लंबे सफर में हमारे नेतागण, कारीगर, किसान, श्रमिक, और हर वर्ग के लोग शामिल थे जिन्होंने अपने-अपने स्तर पर योगदान दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भारत केवल भू-राजनीतिक रूप से स्वतंत्र ही न हो, बल्कि हर भारतीय को सामाजिक और आर्थिक रूप से भी स्वतंत्रता मिले। आज हम जिन सकारात्मक बदलावों का अनुभव कर रहे हैं, उन सबके पीछे देशवासियों का अथक परिश्रम और संघर्ष है।

समाज का उत्थान और सशक्तिकरण
आज के दिन हम यह भी स्वीकार करते हैं कि भारत ने केवल बाहरी शत्रुओं से ही नहीं, बल्कि आंतरिक चुनौतियों से भी संघर्ष किया है। शक्ति समाचार (1918) के कई अंक में समाज की असमानताओं, विषमताओं और गरीबी के खिलाफ उठाए गए कदमों को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। अब भारत एक ऐसी दिशा में बढ़ रहा है जहां हर नागरिक को समान अवसर मिल रहे हैं, और समाज में हर वर्ग को सम्मान और पहचान मिल रही है।

स्वतंत्रता के इस सफर ने हमें यह सिखाया कि किसी भी चुनौती का सामना एकजुट होकर ही किया जा सकता है। महिलाएं, जो कभी समाज में हाशिए पर थीं, आज हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर चुकी हैं। वे राजनीति, शिक्षा, विज्ञान, और व्यवसाय में अपनी सफलता का परचम लहरा रही हैं। हम गर्व से कह सकते हैं कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, भारतीय समाज ने समानता और भाईचारे का रास्ता अपनाया है।

आज का भारत: एक आत्मनिर्भर राष्ट्र की ओर बढ़ता हुआ कदम
आज हम उस दिन को गर्व से याद करते हैं, जब हम स्वतंत्र हुए थे, लेकिन अब यह हमारी जिम्मेदारी बन गई है कि हम अपने देश को और भी आत्मनिर्भर बनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जो कदम उठाए जा रहे हैं, वे इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं। भारत अब केवल एक विकासशील देश नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। हम विज्ञान और तकनीकी में बड़ी छलांग लगा रहे हैं, और यह समय की मांग है कि हम अपनी संस्कृति और पहचान को बनाएं रखते हुए आर्थिक और सामाजिक समृद्धि की ओर बढ़ें।

हमारा संकल्प, हमारी जिम्मेदारी
इस स्वतंत्रता दिवस पर, हम उन सभी शहीदों को याद करते हैं जिन्होंने अपनी जान की आहुति दी। हम उन नेताओं को नमन करते हैं जिन्होंने हमें सही दिशा दिखाई। हम संकल्प लेते हैं कि हम अपने देश को और ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे, जहां हर भारतीय को अपनी स्वतंत्रता और अधिकार का सम्मान मिले। यह स्वतंत्रता केवल हमारी नहीं है, बल्कि हम सबके लिए एक ऐसी धरोहर है जिसे हमें संजो कर रखना है।

आज हम अपने स्वतंत्रता संग्राम के नायक-नायिकाओं को याद करते हुए, यह संकल्प लेते हैं कि हम अपने राष्ट्र की प्रगति में अपना हर प्रयास करेंगे। शक्ति समाचार (1918) का यह संदेश हम सब तक पहुंचता है—हमारे राष्ट्र की सफलता में हमारी भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है, और हमारी एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

“सभी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!”